जमशेदपुर। झारखण्ड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की नई पहल यदि रंग लाई तो जल्द ही शैक्षिक विकास की जादूई छड़ी नौनिहालों के हाथ में होगी। गुणवत्ता के मापदंड पर प्राथमिक शिक्षा की लगातार हो रही आलोचनाओं से सबक लेते हुए जेसीईआरटी ने जड़ से सुधार की कवायद शुरू की है। संस्था ने विभिन्न कार्यशालाओं से प्राप्त अनुभवों के आधार पर प्रथम कक्षा के लिए नई पांडुलिपि तैयार की है। इसका संपादन कर नये पाठ्य पुस्तक का रूप दिया जाएगा। खास बात यह है कि इसे तैयार करने से पूर्व व्यापक अध्ययन किया गया है और बच्चों की शैक्षिक अभिरूचि को ध्यान में रखते हुए पांडुलिपि तैयार करायी गयी है। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो आगामी वर्ष से नये कान्सेप्ट की पुस्तकों को पाठ्यक्रम में लागू भी कर दिया जायेगा। संस्था ने इसके लिए 12 शिक्षकों का पैनल तैयार किया गया है। जिनके सम्यक मंथन के बाद पांडुलिपि को पुस्तक का रूप प्रदान कर दिया जायेगा। जेसीईआरटी द्वारा गठित इस पैनल में प्रदेश के तीन जिलों रांची, पूर्वी सिंहभूम तथा खूंटी के शिक्षकों को शामिल किया गया है। पैनल में रांची से कृष्ण कुमार झा, ज्योतिष प्रसाद साहू, दिलीप कुमार दास, अशोक कुमार, प्रमोद कुमार शर्मा, भूषण प्रसाद, रामाशंकर प्रसाद, सुचन्द्रा रूद्रा, वेशराज मिश्र, पूर्वी सिंहभूम से रणधीर कुमार तथा खूंटी से सलिल वरण कुण्डू का मनोनयन किया गया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है, इसके लिए शुक्रवार से एक विशेष कार्यशाला रांची में प्रारंभ हुई है जो रविवार तक चलेगी। इस बीच पैनल अपने काम को अंतिम जामा पहनाने का काम शुरू कर देगा।
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