MONDAY, OCTOBER 06, 2008
A Report by Jagran-Yahoo India
Oct 05, 11:14 pm
पटना जल संसाधन पर भारत-नेपाल की संयुक्त समिति की गत 1 अक्टूबर को काठमाण्डू में हुई बैठक के नतीजों से राज्य सरकार उत्साहित है। इससे नेपाल से निकलने वाली नदियों पर परियोजनाओं के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। पहली बार नेपाल की सीमा से सटे राज्यों बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश व उत्तरांचल को मंत्री स्तर व सचिव स्तर की कमेटी में शामिल किया गया है। जल संसाधन मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने इसका श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को दिया है। जल संसाधन मंत्री ने कहा कि जेसीडब्लूआर की बैठक में जल संसाधन पर संयुक्त मंत्रिमंडलीय आयोग के गठन का निर्णय किया गया है। इसमें ऐसे राज्यों के मंत्रियों को भी शामिल किया गया जिन के क्षेत्र से होकर नदी गुजरती है। इसी प्रकार का प्रतिनिधित्व विभाग के स्तर पर गठित संयुक्त समिति में मिला है। उन्होंने कहा कि संयुक्त समिति में दोनों देशों के मंत्रियों को ही शामिल रहने से राज्यों की समस्याओं का सही तरीके से समाधान नहीं हो पाता था। इससे प्रस्तावित सप्तकोसी हाई डैम निर्माण के लिए डीपीआर तैयार करने के कार्य में तेजी आयेगी। सप्तकोसी बहुउद्देशीय हाई डैम प्रोजेक्ट व सन कोसी स्टोरेज सह डायरवर्सन स्कीम के लिए जेपीओ की एक साल के लिए अवधि का विस्तार कर दिया गया है। परियोजनाओं का डीपीआर तैयार करने के लिए नेपाल क्षेत्र में कार्यालय भी स्थापित हैं किन्तु विभिन्न प्रकार की बाधाओं के कारण कार्य ठप था। जेपीओ की अवधि इस वर्ष दिसम्बर में समाप्त हो रही थी। नेपाल की नयी सरकार ने परियोजना के लिए स्थल पर होने वाले अनुसंधान कार्य सहित इससे जुड़े कायरें में लगे अभियंताओं व कर्मियों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। इससे नदियों की प्रवृति व धारा पर अध्ययन करने वाले विशेषज्ञ सुदूर जंगलों में पहुंचकर अपने कायरें का निष्पादन कर सकेंगे।। इसको सिंचाई परियोजनाओं की स्थापना की दिशा में सार्थक प्रयास के रूप में माना जा रहा है। दस्तावेज पर दोनों देशों के जल संसाधन विभाग के सचिवों के हस्ताक्षर हैं। इसमें कुसहा के समीप कोसी तटबंध के कटाव को बंद करने व कोसी की धारा को मार्च 2009 तक पुराने स्थान पर लाने पर सहमति हुई है। इस सम्बन्ध में केन्द्र की उच्चस्तरीय तकनीकी टीम नवम्बर के प्रथम सप्ताह में विचार- विमर्श के लिए नेपाल जाएगी।
No comments:
Post a Comment